
और अपनी प्रजा को सुखी रखने के लिए हर संभव प्रयास करें, यह होता है राजा ,यह सब गुण यदि राजा में ना हो तो प्रजा में असंतोष व्याप्त है।
वह विद्रोह का रूप लेता है ,और विद्रोह किसी भी रूप में विनाशकारी होता है।
राजा को प्रजा का ध्यान रखना चाहिए और प्रजा को भी राजा में विश्वास रखना चाहिए ।उसका अनुकरण करना चाहिए।
जब भी दोनों साथ आएंगे तभी शासन स्थिर होगा तभी यह देश नियंत्रित होगा अगर दोनों में से कुछ भी अनियंत्रित हो गया महाविनाश होना ही होना है राजा अपना कर्म करें और प्रजा अपना धर्म निभाएं🙏🙏
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